
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव में कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में मानकों का पालन पारदर्शिता, गुणवत्ता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा प्रदान किए जाने वाले मानक चिन्ह उपभोक्ताओं के भरोसे और नकली उत्पादों पर रोक का प्रतीक बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा देने और बीआईएस के प्रयासों में भागीदारी निभाने के लिए गुणवत्ता शपथ दिलाई। उन्होंने मानकों की स्थापना में योगदान देने वाले मानक क्लबों, संस्थाओं और मेंटर्स का सम्मान भी किया।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि बीआईएस अब 22,000 से अधिक उत्पादों—जैसे बोतलबंद पानी, हेलमेट, खिलौने और गहनों—को मानक चिन्ह प्रदान कर चुका है। उन्होंने उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “विकसित भारत का संकल्प उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से ही पूरा होगा।”
कार्यक्रम में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि विश्व मानक दिवस उपभोक्ताओं और समाज में मानकीकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर है। उन्होंने कहा कि “जागो ग्राहक जागो” संदेश उपभोक्ताओं को सजग और सतर्क रहने के लिए प्रेरित करता है।
मुख्यमंत्री ने मानक महोत्सव के स्टॉलों का अवलोकन किया और विभिन्न संस्थाओं की कार्यप्रणाली और नवाचार की सराहना की। सिपेट रायपुर द्वारा युवाओं को प्रदान किए जा रहे कौशल प्रशिक्षण और उद्योग परामर्श को उन्होंने उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
बीआईएस की रायपुर शाखा के स्टॉल में बीआईएस केयर ऐप के माध्यम से उपभोक्ता अपने आभूषणों और उत्पादों की प्रमाणिकता जांच सकते हैं और शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इसे उपभोक्ता सशक्तिकरण में बड़ी उपलब्धि बताया।
शैक्षणिक संस्थानों के नवाचार स्टॉल भी दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल रहे। विद्यार्थियों ने रक्तचाप जांचने की मशीन, मिट्टी की नमी मापने की मशीन, एक्सप्लोरर रोबोट और स्मार्ट ट्रेन मॉडल जैसे नवाचारी प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि “युवाओं की सोच में गुणवत्ता और नवाचार जुड़ने से ही भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ेगा।”
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जोर देकर कहा कि गुणवत्ता सिर्फ उद्योग तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन का संस्कार बनना चाहिए। उन्होंने सभी से आह्वान किया, “क्वालिटी को क्वांटिटी से पहले रखें” और छत्तीसगढ़ को मानकीकरण, नवाचार और पारदर्शिता में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में योगदान दें।